शनिवार, 31 जुलाई 2010

हकीकत के पीछे का सच

इन दिनों शहर के प्रतिष्ठित अखबारों के कर्मचारियों में कालम राईटर बनने की होड़ मची हुई है। ऐसा ही एक कर्मचारी इन दिनों कालम लिखने लगे हैं। सूर्या का वॉट लगाकर हकीकत का चोला पहनने वाले की हकीकत अब राजधानी में भी चर्चा का सबब बनने लगी है। गबन तो नाम के अनुरूप ही सब कर रहे थे लेकिन धमकाकर पैसा वसूलने और विज्ञापन छपवाने मजबूर करने की कहानी को अब तक इसके मालिकों ने क्यों नहीं सुनी। यह तो वही जाने। लेकिन यह चर्चा जोरों पर है कि दूध देने वाली गाय की लात भी अच्छी लगती है। इस बीच इसके द्वारा रायपुर संस्करण को ठेका में लिए जाने का दावा है हकीकत तो मालिक ही जाने।
फिर रिपोर्टर फायदे में फोटोग्राफरों में असंतोष
सलीम अशरफी ने वक्फ बोर्ड का चेयरमेन बनाते ही ख़ुशी मनाई और कवरेज के लिए पहुंचे मिडिया कर्मियों को पांच-पांच सौ दिए फोटोग्राफर खुश थे किचलो कोई तो है जो दोनों को सामान समझता है लेकिन प्रेस जाते ही उनकी हवा निकल गई क्योकि रिपोर्टरों को विज्ञापन भी दिया गया था जिसका कमीशन ही हजारो बनता है लेकिन बेचारे कर क्या सकते है .
पत्रिका के गिलास का

जवाब क्राकरी से
राजस्थान पत्रिका के आने की चर्चा से नवभारत की बाल्टी तो सभी जानते हैं लेकिन नेशनल लुक भी अपने अस्तित्व को बचाने छटपटाना शुरु कर दिया है। दरअसल पत्रिका के द्वारा कांच का गिलास गिफ्ट करना कई को अपने अस्तित्व पर हमला नजर आने लगा है। नेशनल लुक भी अपना प्रसार बढ़ाने बाल्टी के अलावा क्रॉकरी सेट का लालच देने लगा है।
प्रदीप की वापसी तो
कई हुई इधर-उधर
फोटोग्राफी में नाम कमा चुके प्रदीप डडसेना की लम्बे समय बाद हरिभूमि में वापसी हो गई है इतने दिनों तक प्रदीप जी क्या कर रहे थे उन्हीं से लोग पूछ ले तो बेहतर होगा। इधर पत्रिका की आमद से पत्रकारों का भाव बढ़ गया है और भाव तभी बढ़ेगा जब वे इधर से उधर जाएंगे। ऐसे ही वरुण झा हरिभूमि से भास्कर चले गए तो सोनू पाण्डे ने इसे बैलेंस कर दिया। तो शशांक खरे को भास्कर रास आने लगा है।
और अंत में....
रजबंधा मैदान में सरकारी जमीन पर बनाए भवन में समवेत शिखर शिफ्ट हो रहा है मशीन भी लग गई है अब वे उस इंजीनियर को कोस रहे हैं जिन्होंने मशीन रुम तो बना दिया लेकिन कागज का रोल मशीन तक पहुंचाने में दिक्कत हो रही है और जब तक रोल नहीं पहुंचेगा अखबार कैसे छपेगा।

अछ्छा जीवन सभी का हक़

दलितों, पिछड़ों एवं कमजोर वर्गो को आरक्षण सर्वप्रथम 26 जुलाई 1902 को कोल्हापुर नरेश छत्रपति शाहूजी महाराज ने देना शुरू किया। शाहूजी ने आरक्षण विरोधियों के सामने आरक्षण का औचित्य एक उदाहरण द्वारा सिद्ब किया। आज के लोकतांत्रिक भारत में जहां हर नागरिक को बराबर अधिकार दिये गये हैं। हजारों वर्षो से शोषित और पिछाड़े गये वर्गो के विकास और उत्थान हेतु आवश्यक कदम उठाना वक्त की जरूरत है। यदि ये आरक्षण का लाभ लेकर आगे बढ़ते हैं तो देश आगे बढ़ेगा। आखिर अच्छा जीवन स्तर जीना सभी का हक है।
धमतरी जिला के पुलिस अधीक्षक श्री शेख आरिफ हुसान ने मुख्य अतिथि के रुप में आरक्षण के जनक एवं समानता के प्णेता कोल्हापुर के मराठा नरेश राजर्षि छत्रपति साहू जी महाराज की जयंती के शुभावसर पर भारतीय दलित साहित्य अकादमी के छत्तीसगढ़ राय स्तरीय गौरवपूर्ण सम्मेलन में पधारे साहित्यकारों,पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए ये शब्द कहे । सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए युवा समाजवीर श्री दिग्विजय सिंह कृदत्त ने शाहूजी महाराज के आदर्शो,कार्यो की प्वलित योति को वाला बनाने पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि द्वय श्री पी. एसोब (आंध्प्देश) एवं श्री उधोराम चंदनिहा (पोंड़-पाण्डुका) ने भी सम्बोधित किया।
उस अवसर पर शैक्षणिक, साहित्यिक व सामीजिक क्षेत्रों में विशिष्ट अवेदन के लिए श्रीमती चन्दि्का देवी देशलहरे, कांशीराम गायकवाड़, जेशू चन्द् सिंह, मनीराम पंकज, जगमोहन सिंह पैकरा, जनाब मोहम्मद हनीफ साकरीया, विनोद कुमार सिन्हा शमभूराम साहू, आर.डी.क्षीरसागर, पियुषकांत सिंघम, पूर्णेन्द् कुमार साहू, भुनेश्वर प्साद कुर्रे, कृष्णदत्त उपाध्याय, बी. एस. रावटे, शोभाराम बघेल, बालाराम सिन्हा, अलखराम यादव, राजा राम पटेल, सतीश चन्द्ाकर, सखाराम साहू, संतराम देवांगन, श्रीमती गुलाब विश्वकर्मा, रविन्द् बंनजारे, भगवान सिह साहू एन.पी. जोशी, डोमार सिंह साहू संवलराम
साहू, भुनेश्वर प्साद साहू, रामेश्वर सिंग सूर्यवंशी, सम्पत राम सारथी, श्रीमती गुलाब विश्वकर्मा ,रविन्द् बंजारे, भगवान सिंह साहू, एन.पी. जोशी,डोमार सिंह साहू, कंवलराम साहू, भुनेश्वर प्साद साहू, रामेश्वर सिंग सूर्यवंशी, सम्पत राम सारथी, श्रीमती नजमा खॉ, आर.मुत्थुस्वामी, बुद्बप्काश गायकवाड़, बृदावन यादव, कौषल प्साद साहू, तल्लीनपुरी गोस्वामी मोहनलाल सोनवानी एवं गुहाराम लहरे को प्ाईड ऑफ नेशन नेशनल अवार्ड-2010 से सम्मनित किया गया।
इसके अलावा दलित पिछड़े समाज के प्तिभावान छात्र छात्राओं-कु. किरण यादव कु. मधु चौहान, कु.गौरी चोपड़ा, कु. वीणाा वाल्मिकी, कु. सुभाषनी बंजारे, धर्मेद् गहरवार, अमित नागेश एवं अमित कुमार रामटेके को रजत पदक (चांदी का मैडल) व पाठय सामग्ी प्दान कर सम्मानित किया गया। अनुसूचित जाति विकास परिषद जिला धमतरी के सौजन्य से कु.आकांक्षा भारती, क. द्ोपती जोशी, कु. गायत्री धीवर, कु. सीमा सोनकर, कु.गणेशी धु्व, कु. ओमप्भा, कु. भगवती को स्कूल बैग, कापी, पेन प्दान किया गया।
कार्यक् म का सफल संचालन अकादमी के प्देशाध्यक्ष जी.आर. बंजारे वाला ने किया। कार्यक्म का शुभारंभ बैण्ड बाजे के रार्ष्ट्रीय गान के साथ हुआ। केकचंद बधेल, बुटुराम पूर्णे, नम्मूराम भोजवानी,आर. मुत्थुस्वामी प्ेम नजीर के द्वारा कविता पाठ प्स्तुत किया गया। प्ो.के. मुरारीदास, प्ेमलाल कुर्रे, प्काश सिंह बादल, भागचंद नागेश, पं.देवीदत्त उपाध्याय, डामनलाल सोनवानी, रांलाल रामटेके, शेखरलाल गहरवार सोमन ध्ुव, प्मोद यादव (शाबास इंडिया फेम) ने अतिथियों का पुष्पहार से स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में अकादमी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री बद्रीप्रसाद गंगवीर के जन्म दिवस पर केक काटा गया।
इस अवसर पर तुलसीराम गहरवार, प्रेम सायमन, सी.एल. बंजारे, संतु यादव, अशोक टंडन, किशुन डांडे, अनिल बनारसी, पप्पू यादव ,दीपक सार्वा, महेश सिन्हा, उगेशराम बंसारे,श्रीमती सुमित्रा गंगवीर, श्रीमती सुशीला देवी वाल्मिकी, श्रीमती जे.उपाध्याय, प्रिती मेश्राम, सावित्री साहू, सरोज चौहान, नारायण राव शिन्दे, सूरज प्रसाद गुप्ता, दुष्यंत घोरपड़े, सोहनलाल डहरिया, मेहत्तर राम खापडर्े, श्रीराम डहरिया, फणेन्द्र कुमार साहू, एच.पी. देवांगन, शिवनारायण सोनी, कार्तिक राम पटेल, ललित साहू, टी.डी. सोनवानी, रमेश भालाधरे, एस.एल. कलिहारी, बी.आर. खोब्रागढ़े, बी.पी. वर्मा, रवि कुमार गंगवीर, श्वेता गंगवीर, जयंत कुमार, विश्वनाथ साहू, नसीमा, ममता देवांगन, विशाल सिंह ठाकुर, अमरदास बंजारे, सुशील बंजारे, विकास कुमार, सीमा गंगवीर, कु. भारती सोनवानी, श्यामलाल, दिलीप नाग, मुकेश प्रधान, त्रयम्बक हड़वदिया आदि लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
इस अवसर पर अकादमी के छत्तीसगढ़ प्रदेश शाखा की ओर से परम्परागत् टोपी (नीली पगड़ी) व शाल पहनाकर मुख्य अतिथि श्री शेख आरिफ हुसैन का आत्मीय अभिनंदन किया गया।