शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

अवैध कालोनी की सूची बने साल बीत गये पर कार्रवाई नहीं...



रायपुर। यह तो राम नाम की लूट है लूट सको तो लूट की कहावत को ही चरितार्थ करता है वरना नगर एवं ग्राम निवेश द्वारा अवैध कालोनियों की सूची बगैर कार्रवाई के सवा साल तक यू ही पड़ी नहीं होती। कहा जाता है कि राजनैतिक पहुंच से लेकर पैसे वालों की इस जमात ने अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक के मुंह में नोट भर दिये हैं। इसलिए कार्रवाई होने की बात तो दूर इन्हें नोटिस तक नहीं दिया गया और गुपचुप ढंग से पैसा खाकर इन्हें बचाया जा रहा है।
राजधानी में पदस्थ अधिकारियों की खाओं पियों नीति के चलते भू-माफियाओं ने जबरदस्त ठंग से अवैध कालोनी बना रखा है और वे शासन प्रशासन को अपनी जेबों में रखने का दावा करते हुए आम लोगों को मनमाने कीमत पर जमीन व मकान बेच रहे हैं।
इस संबंध में आरटीओ कार्यकर्ता इंदरजीत छाबड़ा, राकेश चौबे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के बाद सरकार में बैठे मंत्री और अधिकारियों की नीति के चलते ही आम आदमी ठग जा रहा है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश ने ऐसे 204 लोगों की सूची बनाई है जिन लोगों के द्वारा ग्राम बोरियाखुर्द, डोमा, माना, डूण्डा, कांदुल, धरमपुर, बनरसी टेमरी, दतरेंगा, भठगांव, संकरी, पिद्दा जोरा मडिया देवपुुरी, काठाडीह, कचना, धनेली, छपोरा व सेजबहार में अवैध रूप से प्लाटिंग, अवैध व्यपर्तन व अवैध कालोनी का निर्माण कर रहे हैं।
यह सूची 10-08-2010 को बन गई है लेकिन इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। आखिर सरकार क्या यह चाहती है कि इनके झांसे में आकर लोग अपने घर का सपना परा करे फिर सरकार इसे तोड़ दे? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब सरकार को देना चाहिए? सरकार की इस नीति के चलते आम आदमी ठगा जा रहा है। ग्राम व नगर निवेश द्वारा तैयार सूची के अनुसार माना में दलजीत सिंह पिता कुलदीप सिंह चावला, जनक बाई पिता मनराखन, मनोज पिता नंदकुमार सिंहा, ग्राम बोरियाखुद में श्रीमती मथुरा बाई पिता प्रेमलाल, सुरेश सिंह पिता चंद्रपाल सिंह, ग्राम डूण्डा में मो. मोहसिन पिता अब्दुल जलील, विनोद अंदानी पिता स्व. नरसिंह दासअंदानी, कमलजीत कौर पिता हरजीत सिंग छाबड़ा, ग्राम सेरीखेड़ी में अनिल कुमार थौरानी पिता मंशाराम थौरानी, ग्राम धरमपुरा में मनोहरलाल पिता आसन दास, घनाराम पिता बिसाहू, कार्तिक पिता बिसाहू, अमरू पिता कार्तिक, सरजू पिता भोकलू, ग्राम टेमरी में विजय कुमार पिता शुभकरण, ग्राम बनरसी में तापस चन्द्र दास और ग्राम काठाडीह में विमल कुमार पिता मोतीलाल जैन शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक इस 17 लागों की सूची में शामिल लोगों ने नियम कानून को ताक पर रखकर काम किया है और इन्हें बचाने में मंत्री स्तर के लोग भी लगे हुए हैं। बताया जाता है कि सरकार का काम ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर आम लोगों को ठगी से बचाना है लेकिन कार्रवाई की बजाय इनसे पैसा लेकर मामले को रफा-दफा किया जा रहा है।
ऐसा नहीं है कि इस मामले में भाजपाईयों को ही बचाया जा रहा है बल्कि कांग्रेस के लोग भी शामिल है जिसके चलते यह कहावत को भी बल मिला है कि लूट की राजनीति में दोनों ही दल माहिर है।
आश्चर्य का विषय तो यह है कि इस मामले में अधिकारियों की जेबें Óयादा गरम हुई है और मंत्रियों या नेताओं को सिर्फ रोटी डाला गया है तब भी कार्रवाई नहीं की गई।